Manish Sisodia का ज़ोरदार भाषण: आज़ाद सिसोदिया का आप को नमस्कार! Best News:
जिस दिन अरविंद केजरीवाल अंतरिम जमानत पर बाहर आए, उस दिन दिल्ली में तेज आंधी चल रही थी। मनीष सिसोदिया के बाहर आने के समय दिल्ली में बारिश हो रही थी। 17 महीने तक जेल में रहने के बाद मनीष सिसोदिया बाहर आ गए।
इन 17 महीनों में जमानत के लिए मनीष सिसोदिया को दो बार ट्रायल कोर्ट, दो बार हाई कोर्ट, और दो बार सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। सिसोदिया शनिवार सुबह 11 बजे पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। अप्रैल से लेकर अभी तक का यह तीसरा मौका होगा जब पार्टी का कोई बड़ा नेता तिहाड़ से लौटकर मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करेगा।
तिहाड़ से बाहर आते ही सिसोदिया के समर्थन में नारे लगने लगे। जेल के दरवाजे से थोड़ी दूर पर संजय सिंह और आतिशी सिंह ने सिसोदिया का गले लगाकर स्वागत किया। आम आदमी पार्टी ने इसके प्रसारण की व्यापक तैयारी की थी।
Manish Sisodia का ज़ोरदार भाषण: आज़ाद सिसोदिया का आप को नमस्कार! Best News: 8 Aug
बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंच गए थे, और “रंग दे बसंती चोला” का गाना भी बज रहा था। भावुक सिसोदिया ने कहा कि आप सबको आजाद सिसोदिया का नमस्कार। आप सबने 17 महीने कष्ट उठाए, मैंने भी उठाया और आपने भी उठाया। पिछले 17 महीनों में मैं जेल में नहीं था, आप सब भावनात्मक रूप से एक-एक दिन जेल में रहे। बच्चा-बच्चा दिल से मेरे साथ था, और मैं उन्हीं के बारे में सोचता रहा।
Manish Sisodia ने बारिश और माइक की खराबी के बावजूद अपना छोटा सा भाषण पूरा किया। उन्होंने कहा कि 17 महीने से मेरी बहनें और सारे परिवार वाले कष्ट उठा रहे थे। पूरे देश में मुझसे प्यार करने वाले इतने सारे लोग थे, और पिछले 17 महीने में यह प्यार और भी बढ़ गया। सिसोदिया ने बाबा साहब अंबेडकर को याद किया और कहा कि अगर कोई तानाशाही सरकार निर्दोष लोगों को जेल में डालेगी, तो संविधान उनकी रक्षा करेगा।
सिसोदिया ने अरविंद केजरीवाल के समर्थन में भी नारे लगाए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल भ्रष्टाचार का काल है, और भ्रष्टाचार का हील भी है। तानाशाही के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए, संविधान हमेशा हमारे साथ रहेगा।
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता, विधायक, और नेता तरह-तरह के पोस्टर बनाकर Manish Sisodia के बाहर आने की खुशी मना रहे थे। इतना लंबा वक्त हो गया था कि सिसोदिया को लोग भूल से गए थे। मीडिया में बस उनकी खबर तब आती थी जब कोर्ट में सुनवाई होती थी। Manish Sisodia की बच्चों के साथ तस्वीरें साझा की जा रही हैं, और उन्हें एक ऐसे शिक्षा मंत्री के रूप में पेश किया जा रहा है जिसने दिल्ली के स्कूलों के लिए काफी काम किया।
इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के नेताओं ने भी सिसोदिया की जमानत का स्वागत किया। संजय सिंह को जमानत इसलिए मिली कि उन पर 2 करोड़ रुपए रिश्वत में लेने के आरोप थे, मगर मनी ट्रेल का कोई प्रमाण नहीं मिला। ईडी सुप्रीम कोर्ट के सामने एक भी सबूत नहीं दिखा सकी कि संजय सिंह ने 2 करोड़ रुपए लिए हैं।
मनीष सिसोदिया के बाहर आने से पार्टी की राजनीति फिर से सक्रिय हो सकती है। मनीष सिसोदिया पर मंत्रालय जाने की रोक नहीं लगी है। अब यह देखना होगा कि क्या Manish Sisodia फिर से मंत्री बन सकते हैं। संजय सिंह भी होते ही केजरीवाल के घर गए और उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल से मिलने गए।
अब मनीष सिसोदिया भी पहले सुनीता केजरीवाल से मिलेंगे और फिर अपने घर जाएंगे। यह खबर पहले ही आ चुकी थी कि सिसोदिया फरवरी 2023 में गिरफ्तार हुए थे और 9 अगस्त को रिहा हुए।
दिल्ली शराब घोटाला ईडी और सीबीआई के लिए ही नहीं, बल्कि केंद्र की मोदी सरकार की साख का सवाल भी बन गया है। इतने गिरफ्तारियों के बाद भी यदि वे कुछ साबित नहीं कर पाई या किसी तरीके से टालते रहे, तो संदेह बढ़ता चला जाएगा कि इनके पास कुछ भी नहीं है। बस किसी तरह नेताओं को जेल में डाले रखना है, ताकि विधानसभा या लोकसभा के चुनाव गुजर जाएं।
ईडी और सीबीआई ने अगस्त 2022 में शराब घोटाले के मामले में एफआईआर दर्ज की थी, और ठीक दो साल बाद भी वे जवाब देने की हालत में नहीं हैं कि ट्रायल कब पूरा होगा। यह पहला ऐसा मामला है जब नीति बनाने के मामले में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट पर बहुत गंभीर टिप्पणी की है, और कहा कि जमानत देने के मामलों में निचली अदालतें सुरक्षित खेल रही हैं। यह तो बेहद गंभीर मामला है कि बेल देना न्याय का स्थापित सिद्धांत है, लेकिन निचली अदालतें इसे मानने में हिचकिचाती हैं। अब समय आ गया है कि इन सभी मामलों की मेरिट पर समीक्षा की जाए, और यह देखा जाए कि किन मामलों में जमानत नहीं दी गई।
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