Operation Pak Benaqab Mission Modi: जानिए कैसे पीएम मोदी ने विरोधियों शशि थरूर और असदुद्दीन ओवैसी को पाकिस्तान के आतंकी षड्यंत्र को ग्लोबल स्टेज पर बेनकाब करने की जिम्मेदारी दी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब कूटनीतिक जंग की पूरी रणनीति समझें!

पाकिस्तान के आतंकी एजेंडे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब करने के लिए पीएम मोदी ने एक अप्रत्याशित कदम उठाया है। विपक्षी दलों के दो बड़े चेहरों—कांग्रेस के शशि थरूर और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी—को बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल करके मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर राजनीतिक एकजुटता का संदेश दिया है। यह मिशन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की डिप्लोमेटिक वार का अगला चरण है।
Modi का Operation Pak Benaqab: थरूर और ओवैसी क्यों हैं खास?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपने हैरान करने वाले फैसले से विपक्ष को चौंका दिया है। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के बाद अब मोदी सरकार ने पाकिस्तान की ‘नापाक चालों’ को वैश्विक मंच पर उजागर करने की रणनीति बनाई है।
इसके तहत शशि थरूर और असदुद्दीन ओवैसी सहित सभी दलों के सांसदों को अलग-अलग देशों में भारत का पक्ष रखने के लिए भेजा जाएगा। सवाल यह है: आखिर मोदी ने अपने कट्टर आलोचकों को ही यह जिम्मेदारी क्यों सौंपी? और इस मिशन को नाम दिया गया है “Operation Pak Benaqab“.
शशि थरूर: यूएन का अनुभव और कूटनीतिक दांव
शशि थरूर का चुनाव मोदी सरकार की सबसे सटीक चालों में से एक है। यूएन में 25 साल के अनुभव और वैश्विक राजनीति की गहरी समझ रखने वाले थरूर, भारत के पक्ष को प्रभावी ढंग से रख सकते हैं।
- यूएन में ऐसा रहा करियर: 1978 में UNHCR से शुरुआत करने वाले थरूर 2002 तक संयुक्त राष्ट्र में अवर महासचिव रहे। यूगोस्लाविया जैसे संकटों में उनकी भूमिका ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मुद्दों का विशेषज्ञ बनाया।
- 2006 में यूएन महासचिव की रेस: कोफी अन्नान के बाद महासचिव पद की दौड़ में दूसरे स्थान पर रहे थरूर की वैश्विक पहचान आज भी मजबूत है।
- मोदी की चुप्पी का समर्थन: ट्रंप के सीजफायर प्रस्ताव पर मोदी की चुप्पी को थरूर ने “कूटनीतिक समझदारी” बताया था। यूक्रेन-रूस युद्ध में भी उन्होंने भारत की नीति की तारीफ की।
मोदी का यह दांव साफ दिखाता है कि राष्ट्रीय हितों के आगे राजनीतिक मतभेद गौण हैं।

Asaduddin Ovesi: मुस्लिम चेहरा, मगर देशभक्ति की आवाज
Asaduddin Ovesi का चुनाव भी उतना ही चौंकाने वाला है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनके “पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को तबाह कर दो” जैसे बयानों ने उनकी छवि एक देशभक्त नेता की बना दी।
- मुस्लिम देशों तक पहुंच: ओवैसी का इस्लामिक पहचान उन्हें गल्फ देशों में भारत का पक्ष रखने के लिए आदर्श बनाती है। पाकिस्तान की “इस्लामिक एकता” की दुहाई को वह खारिज कर सकते हैं।
- वकील की तर्कशक्ति: लंदन से कानून की पढ़ाई कर चुके ओवैसी अपने तीखे तर्कों से पाकिस्तानी प्रवक्ताओं को चुप करा चुके हैं।
- टीवी डिबेट्स में धुआंधार: “देश सबसे पहले, बाकी बाद में” की उनकी सोच ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद उन्हें BJP समर्थकों तक का चहेता बना दिया।
1994 की याद: जब अटल जी ने की थी एकजुटता की मिसाल
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ राजनीतिक एकजुटता दिखाई है। 1994 में तत्कालीन PM नरसिम्हा राव ने विरोधी दल के नेता अटल बिहारी वाजपेयी को UN में भारत का प्रतिनिधित्व करने भेजा था। आज मोदी ने उसी परंपरा को आगे बढ़ाया है।
क्या है ‘Operation Pak Benaqab‘ की रणनीति?
- ग्लोबल स्तर पर प्रेशर: थरूर और ओवैसी जैसे चेहरे FATF, UNSC जैसे फोरम्स पर पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करवाने की मुहिम तेज करेंगे।
- मुस्लिम देशों को साधना: ओवैसी की मदद से सऊदी अरब, UAE जैसे देशों को पाक के खिलाफ खड़ा किया जा सकता है।
- वेस्टर्न मीडिया में नैरेटिव: थरूर अमेरिका और यूरोप में पाकिस्तान की “फेक विक्टिम कार्ड” पॉलिसी को एक्सपोज करेंगे।
मोदी का यह कदम साबित करता है कि “देश हित में सभी एक हैं”। पर सवाल यह है: क्या यह एकजुटता सिर्फ मिशन तक सीमित रहेगी, या फिर यह नई राजनीतिक संस्कृति की शुरुआत है?
Related Queries We Covered in This Article:
Operation Pak Benaqab, Pak Benaqab Mission, PM Modi Pakistan expose plan, Shashi Tharoor UN diplomacy, Asaduddin Owaisi counter-terrorism, Operation Sindoor details, India Pakistan terrorism, Modi Tharoor Owaisi alliance, Indian cross-party delegation, Pakistan terror links exposed, FATF Pakistan blacklist, India global diplomacy strategy, Indian National Security, BJP Congress unity, Pakistan propaganda debunked, Gulf countries India relations, Geneva UNHRC 1994 Atal Vajpayee, Indian political unity, Modi masterstroke, Muslim leadership in India, Indian foreign policy 2023, Global counter-terrorism efforts

A seasoned blog writer with over 5 years of experience covering current affairs in various regions of the world. With a keen eye for detail and a passion for staying informed, I have established myself as a reliable source of information on topics ranging from politics and business to entertainment.
Having honed my skills over the years, I possess a deep understanding of global events and their implications. My insightful analysis and engaging writing style captivate readers, making complex subjects accessible and engaging.
My expertise in writing about politics, business, and entertainment blogs sets me apart in the field. Whether delving into the intricacies of geopolitical dynamics or offering thought-provoking commentary on the latest developments in the entertainment industry, I deliver content that informs and entertains.
With a commitment to delivering accurate and timely information, I continue to be a trusted voice in the world of current affairs blogging.