Hindi News

Rahul Challenges BJP in Gujrat – राहुल का बीजेपी को खुला चैलेंज, क्या 7-7 में गुजरात हरा पाएगी कांग्रेस ! अपनी राय शेयर करें।

Rahul Challenges BJP in Gujrat: अहमदाबाद में कांग्रेस के दफ्तर पर हमला करने के कुछ ही दिनों बाद राहुल गांधी का वहां जाना और अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना बता रहा है कि वे गुजरात में इस बार बड़ी राजनीतिक लड़ाई की तैयारी में लगते हैं। एक हफ्ते के भीतर राहुल गांधी ने दूसरी बार गुजरात में बीजेपी को हराने का चैलेंज दिया है।

Rahul Challenges BJP in Gujrat – राहुल का बीजेपी को खुला चैलेंज

यह उनका अति आत्मविश्वास बोल रहा है या वाकई में वे गुजरात में कांग्रेस को लेकर कुछ नया करने की सोच रहे हैं। यह उस हमले का वीडियो है जब बजरंग दल के कार्यकर्ता कांग्रेस के दफ्तर पर हमला करने गए थे।

1 जुलाई को लोकसभा में राहुल गांधी ने हिंदू धर्म को लेकर ऐसा कुछ भी नहीं कहा जिससे आस्था को ठेस पहुंचे। लेकिन बीजेपी कहती रही कि हिंदू आस्था को ठेस पहुंचाई गई है। 2 जुलाई को अहमदाबाद में कांग्रेस के दफ्तर पर बाहर से पत्थरबाजी भी शुरू हुई और भीतर जाकर दीवारों को भद्दा किया गया।

पुलिस कितनी मजबूती से पत्थर चलाने वालों को इस वीडियो में रोक रही है आप भी देख सकते हैं। इतनी नजाकत से रोकने के बाद भी पत्थर चलाने वाले काबू में नहीं आए। मगर अहमदाबाद पुलिस ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

गुजरात में चुनाव 2027 में होंगे। राहुल गांधी 3 साल पहले से कहने लगे हैं कि बीजेपी को यहां हरा देंगे। मैं आपसे यहां कहने आया हूं, इन्होंने आपके ऑफिस पर आपके कार्यकर्ताओं पर आक्रमण किया है, अब आपको डरना नहीं है डराना नहीं है।

इन्होंने हमारे ऑफिस पर धमकाकर ऑफिस को तोड़कर हमें चैलेंज दिया है। चैलेंज क्या है? गुजरात के चुनाव में मैं आपको बता रहा हूं हम सब मिलकर इनको गुजरात में हराने जा रहे हैं। जो हमने कहा और लिख के ले लो। कांग्रेस पार्टी की जो आत्मा है, वह गुजरात के चुनाव में लड़ेगी और नरेंद्र मोदी और बीजेपी को गुजरात में जैसे हमने अयोध्या में हराया है वैसे ही हम गुजरात में इनको हराने जा रहे हैं।

गुजरात में कांग्रेस काफी कमजोर हो चुकी है। अगर राहुल गांधी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जान डालने के लिए चुनौती दे रहे हैं तो बात समझ में आती है कि उनकी यह रणनीति हो सकती है। लेकिन जिस राज्य में बीजेपी लगातार सात बार से चुनाव जीत रही हो वहां उसे आसानी से खारिज नहीं किया जा सकता।

दिल्ली में भले ही नरेंद्र मोदी तीसरे प्रयास में 400 सीटें लाकर राजीव गांधी का रिकॉर्ड ना तोड़ पाए लेकिन 2022 के चुनाव में बीजेपी ने 182 में से 156 सीटें लाकर गुजरात में एक रिकॉर्ड बना दिया। सातवीं बार के चुनाव में उसकी सीटों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई और 1985 में कांग्रेस का 149 सीटें लाने का रिकॉर्ड तोड़ दिया।

माधव सिंह सोलंकी के समय कांग्रेस को यह कामयाबी मिली थी। शायद यही वजह रही होगी कि जब राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा कि इस बार गुजरात में बीजेपी को हरा कर दिखाएंगे किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। गुजरात में मैं गया, टेक्सटाइल ओनर्स के साथ मेरी बात हुई। मैंने उनसे पूछा नोटबंदी क्यों हुई, जीएसटी क्यों हुई। साफ बोला अरबपतियों की मदद करने के लिए जीएसटी और नोटबंदी की गई है। नरेंद्र मोदी जी अरबपतियों के लिए काम करते हैं।

चुनाव समाप्त होने और लोकसभा सत्र के तुरंत बाद राहुल गांधी हाथ से काम करने वाले मजदूरों के बीच पहुंच गए। इसका मतलब है कि उनके बीच कुछ स्थाई रूप से बदला है। अच्छा है कि नेता जनता के बीच ही रहे और उनकी स्थिति को देखता रहे, समझता रहे, समझे कि जब उन्हें सत्ता मिलती है तो आसपास के लोगों को उद्योगपतियों को ज्यादा लाभ मिलता है या आम नागरिकों को। 6 जुलाई को राहुल गांधी ने एक वीडियो अपने चैनल पर जारी किया।

और सबसे मुश्किल काम आप करते हैं। कोई सोचता भी नहीं है कट जाता है जब इस पे कोई चलता है, वो यह भी नहीं सोचता कि ये किसी मजदूर ने बनाया। गौतम बुद्ध नगर के दिहाड़ी मजदूरों से राहुल गांधी का मिलना भी एक संयोग है। इसी गौतम बुद्ध नगर में राहुल गांधी को यूपी पुलिस ने धक्का दिया था।

आजकल राहुल गांधी के कितने व्यूज मिलते हैं, लेकिन 3 साल पहले राहुल गांधी के यूट्यूब पर एक बलात्कार कांड के वक्त का भी एक वीडियो है। उसे अब तक 39,000 व्यूज मिले हैं। 2020 का यह साल था और यही हाथरस था, जब एक दलित लड़की के साथ हुए बलात्कार और पुलिस द्वारा उसका जबरन अंतिम संस्कार कर देने के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उसके परिवार से मिलने जा रहे थे। दोनों को हाथरस जाने से रोकने के लिए दिल्ली यूपी की सीमा पर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। दोनों को कुछ देर के लिए गिरफ्तार भी किया गया और इसी आपाधापी में राहुल गांधी गिरते गिरते बचे थे।

विपक्ष के एक सांसद के साथ पुलिस ने ऐसा बर्ताव किया। यही नहीं जब तृणमूल कांग्रेस की महिला सांसद हाथरस की बलात्कार पीड़िता के घर जाने का प्रयास कर रही थी तब उनके साथ भी धक्का मुक्की हुई थी। क्या राहुल गांधी का उसी हाथरस में लौटना राजनीति के प्रति उनकी निरंतरता नहीं है? एक राय होगी कि राहुल अब जाकर बदले हैं लेकिन राहुल गांधी तो तब से जनता के बीच जा रहे हैं।

मध्य प्रदेश के मंदसौर में जब किसानों पर गोलियां चली थी, वे बाइक से उनके बीच पहुंच गए थे। यह भी हाथरस का वीडियो है। लेकिन 204 में जब राहुल गांधी हाथरस जाते हैं तो पुलिस रास्ता रोकने नहीं आई बल्कि उनकी सुरक्षा में लगी रही। 4 साल के बीच राहुल गांधी प्रधानमंत्री तो नहीं बन पाए, लेकिन नेता प्रतिपक्ष बनकर इस हाथरस में लौटना काफी कुछ कह रहा है। यहां एक बाबा के कार्यक्रम के बाद मची भगदड़ में 120 से अधिक लोगों की मौत हो गई, बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए। राहुल गांधी इन्हीं परिवारों के बीच पहुंचे और उन्होंने सांत्वना दी।

इस बार राहुल गांधी के साथ कोई धक्का-मुक्की नहीं हुई। उन्हें घायलों से मिलने दिया गया और जिन परिवारों ने अपनों को खोया है वहां पहुंचकर राहुल गांधी उन्हें ढाढस बंधाते रहे। राहुल का यह बयान संयम भरा था। दुख की बात है, बहुत परिवारों को नुकसान हुआ है, काफी लोगों की मृत्यु हुई है।

मैं इसको राजनीतिक प्रिम से नहीं कहना चाहता हूं, मगर प्रशासन की कमी तो है। यह पता लगाना चाहिए और शायद सबसे जरूरी बात कि कंपनसेशन सही मिलना चाहिए, क्योंकि ये गरीब परिवार हैं और मुश्किल का समय है इनके लिए। तो कंपनसेशन ज्यादा से ज्यादा और मैं यूपी के चीफ मिनिस्टर से विनती करता हूं कि दिल खोल के कंपशन करें।

राहुल जी आपने बड़ी बात मुआवजे की कही है। 2 लाख की बात उन्होंने कही है, तो मुआवजा निश्चित तौर पर ज्यादा मिलना चाहिए, क्योंकि बहुत गरीब लोग हैं। इस समय इनको जरूरत है। अब आपने छ महीने बाद दिया, एक साल बाद दिया, डिले किया, उससे किसी का फायदा नहीं।

सवाल यह था कि मुआवजे की रकम जल्दी से जल्दी देना चाहिए और जितना जितना दिया जा सकता है दिल खोल कर देना चाहिए। परिवार वालों से मेरी पर्सनल बात हुई। उनके परिवार के बारे में, उनके बच्चों के बारे में, माता के बारे में, वे कैसे थे, क्या करते थे, तो वैसी बात हुई।

उन्होंने कहा कि प्रशासन की कमी है। उन्होंने कहा कि जो अरेंजमेंट वहां पुलिस का होना चाहिए था वो नहीं था। ठीक है, बट बहुत दुख में हैं, शौक में हैं, तो ऐसी सिचुएशन में मैं उनकी स्थिति को समझने की कोशिश कर रहा हूं। बार-बार राहुल गांधी का ऐसा करना यह भी बता रहा है कि वह हार की निराशा और जीत के उत्साह से खुद को दूर रखने का प्रयास भी कर रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी की जिम्मेदारियां बदल जाती हैं। लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद राजनीति में उनकी सक्रियता उनके बदलने की भी कहानी कहती है। दिहाड़ी मजदूरों और लोको पायलट के बीच कौन जाता है उनका हाल लेने, उनके जीवन में झांकने। नेता जब तक जनता के बीच नहीं जाएगा, सदन में किसकी आवाज उठाएगा?

विशेष नोट – यह आर्टिकल “Rahul Challenges BJP in Gujrat” रविश कुमार जी के चैनल का ट्रांसक्रिप्शन है. और इसका क्रेडिट हम पूर्णतया रविश कुमार जी को देते हैं

वीडियो यहाँ देखें।

Rahul Challenges BJP in Gujrat

Recent Posts

Explained: The new CBSE Class 10 board exam system and how it will work from 2026 – Times of India

CBSE’s two-exam plan for Class 10: What changes from 2026 and who it benefits NEW…

1 hour ago

WATCH: Yashasvi Jaiswal takes England fans’ mocking like a champ – dances it off! | Cricket News – Times of India

Yashasvi Jaiswal dances in front of the England supporters during the first Test at Headingley.…

7 hours ago

‘Undue Prominence’: Tamil Nadu Minister Slams Centre Over Sanskrit Bias, Announces Textbook Revisions

Last Updated:June 24, 2025, 22:47 ISTTamil Nadu school education minister Anbil Mahesh Poyyamozhi said an…

20 hours ago

Novo Nordisk Debuts Weight Loss Drug Wegovy In India, Starting At Rs 4,300: Country Chief To News18

Last Updated:June 24, 2025, 17:03 ISTWegovy, to be in pharmacies by the end of June,…

1 day ago

If India uses water as weapon, Pakistan is ready to fight, says Bilawal – Times of India

Bilawal Bhutto Zardari (Image credit: ANI) Former Pakistan foreign minister Bilawal Bhutto Zardari issued a…

1 day ago

Iran launches missile attacks on U.S. bases in Qatar and Iraq

Traces are seen in the sky after Iran’s armed forces say they targeted The Al-Udeid…

2 days ago